श्रमिक कार्ड छात्रवृत्ति योजना 2025 मजदूर वर्ग के बच्चों को मिलेगा पढ़ाई के लिए ₹35,000 तक का सहयोग
भारत की अर्थव्यवस्था में मजदूर वर्ग का योगदान बेहद अहम है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण इनके बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इसी जरूरत को देखते हुए सरकार ने "श्रमिक कार्ड छात्रवृत्ति योजना 2025" की शुरुआत की है। इस योजना के तहत पात्र छात्रों को ₹4,000 से लेकर ₹35,000 तक की सालाना छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। आइए इस योजना के सभी पहलुओं पर नजर डालते हैं।
योजना का मुख्य उद्देश्य
"निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना" का मकसद मजदूर वर्ग के बच्चों को वित्तीय सहायता देकर उनकी शिक्षा को सरल बनाना है। इससे न केवल छात्रों को स्कूल छोड़ने से रोका जा सकेगा, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा।
योजना का फोकस सिर्फ प्रारंभिक शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह डिप्लोमा, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसी उच्च शिक्षा तक छात्रों का साथ देती है। यह पहल विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उनके करियर विकल्पों को भी बढ़ाती है।
छात्रवृत्ति राशि और वर्गीकरण
छात्रवृत्ति की रकम छात्र की पढ़ाई के स्तर और कोर्स के अनुसार तय की गई है। सामान्य और विशेष योग्यताओं वाले (दिव्यांग) छात्रों के लिए अलग-अलग सहायता राशियाँ तय की गई हैं:
शिक्षा स्तर | सामान्य छात्र | दिव्यांग छात्र |
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कक्षा 6वीं से 8वीं | ₹8,000 | ₹9,000 |
कक्षा 9वीं से 12वीं | ₹9,000 | ₹10,000 |
ITI कोर्स | ₹9,000 | ₹10,000 |
डिप्लोमा | ₹10,000 | ₹11,000 |
सामान्य स्नातक | ₹13,000 | ₹15,000 |
व्यावसायिक स्नातक | ₹18,000 | ₹20,000 |
सामान्य स्नातकोत्तर | ₹15,000 | ₹17,000 |
व्यावसायिक स्नातकोत्तर | ₹23,000 | ₹25,000 |
इसके अलावा, अपनी कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को अलग से नकद इनाम भी दिया जाएगा।
मेधावी छात्रों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन
योजना के अंतर्गत प्रतिभाशाली छात्रों को निम्नानुसार अतिरिक्त नकद पुरस्कार भी दिए जाते हैं:
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कक्षा 8वीं से 9वीं में प्रवेश पर ₹4,000
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कक्षा 11वीं में प्रवेश पर ₹6,000
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डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश पर ₹10,000
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सामान्य स्नातक कोर्स में प्रवेश पर ₹8,000
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सामान्य स्नातकोत्तर कोर्स में प्रवेश पर ₹12,000
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व्यावसायिक स्नातक कोर्स में प्रवेश पर ₹25,000
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व्यावसायिक स्नातकोत्तर कोर्स में प्रवेश पर ₹35,000
यह पुरस्कार छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने का एक शानदार तरीका है।
योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ पाने के लिए छात्रों को कुछ आवश्यक शर्तों को पूरा करना होगा:
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पंजीकृत निर्माण श्रमिक का बच्चा होना चाहिए।
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राजस्थान का स्थायी निवासी होना जरूरी है।
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किसी मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज या संस्थान में नियमित पढ़ाई कर रहा हो।
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पिछली कक्षा में कम से कम 75% अंक प्राप्त किए हों (मेधावी छात्रवृत्ति के लिए)।
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विद्यार्थी की उम्र 35 वर्ष से कम होनी चाहिए।
जरूरी दस्तावेज
ऑनलाइन आवेदन करते समय छात्रों को निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
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श्रमिक कार्ड (पंजीकृत)
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छात्र का आधार कार्ड
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माता-पिता का आधार कार्ड
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बैंक पासबुक की फोटोकॉपी
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पिछली कक्षा की अंकतालिका
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वर्तमान संस्था का प्रमाण पत्र
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पासपोर्ट साइज फोटो
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मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
सभी दस्तावेजों की सेल्फ अटेस्टेड कॉपी अनिवार्य है।
आवेदन कैसे करें?
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करना पूरी तरह ऑनलाइन प्रक्रिया है। प्रक्रिया इस प्रकार है:
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SSO ID से लॉगिन करें: अगर पहले से SSO ID नहीं है तो पहले रजिस्ट्रेशन करें।
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LDMS एप्लीकेशन खोलें: लॉगिन के बाद "Labour Department Management System" सेक्शन में जाएं।
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वेलफेयर बोर्ड का चयन करें: राजस्थान भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड को चुनें।
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योजना का चयन करें: "निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना" सिलेक्ट करें।
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ऑनलाइन फॉर्म भरें: छात्र और माता-पिता से संबंधित जरूरी जानकारियाँ भरें।
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दस्तावेज अपलोड करें: मांगे गए दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड करें।
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फॉर्म सबमिट करें: सभी जानकारी की पुष्टि करने के बाद फॉर्म सबमिट कर दें।
फॉर्म जमा करने के बाद एक रसीद मिलेगी, जिसे भविष्य के लिए संभाल कर रखें।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
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एक सत्र में एक छात्र एक ही योजना का लाभ ले सकता है।
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सभी प्रमाणपत्र अद्यतित और सही होने चाहिए।
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गलत जानकारी देने पर आवेदन रद्द हो सकता है।
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छात्रवृत्ति राशि सीधे विद्यार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
योजना के लाभ
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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सहायता।
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मजदूर परिवारों में शिक्षा के प्रति जागरूकता का प्रसार।
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तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा।
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बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
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सामाजिक समानता को सशक्त बनाने की पहल।
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