UGC के नए नियम UG और PG की पढ़ाई और परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव
UGC ने स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) परीक्षाओं के लिए 6 नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के अनुसार अब कॉलेज की पढ़ाई और परीक्षा का पूरा ढांचा बदल दिया गया है। UG और PG छात्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण अपडेट है – अब से उनकी पढ़ाई को 2 साल और 5 साल की तय अवधि के भीतर पूरा करना होगा।
अब सभी विश्वविद्यालयों में छात्र साल में दो बार, यानी जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में प्रवेश ले सकेंगे। इससे छात्रों को कोर्स शुरू करने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नए नियमों के तहत, 4 साल का कोर्स 3 साल में और 3 साल का कोर्स 2 से ढाई साल में पूरा किया जा सकेगा।
उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव लागू
UG और PG छात्रों के लिए नए शैक्षणिक सत्र से कई बड़े बदलाव लागू किए जाएंगे। इनमें छात्रों को डिग्री पूरी करने की समय सीमा में लचीलापन मिलेगा। 4 साल का कोर्स 5 साल में और 2 साल वाले कोर्स को भी आवश्यक शर्तों के साथ शामिल किया जाएगा। नए नियमों में केवल मान्य फॉर्मेट वाले डिग्री प्रोग्राम को ही मान्यता दी जाएगी।
अप्रेंटिसशिप होगी अनिवार्य
स्नातक कोर्स के छात्रों के लिए अब अप्रेंटिसशिप अनिवार्य कर दी गई है। इसके अंतर्गत छात्रों को किसी कंपनी में काम करने के लिए आवश्यक स्किल सिखाई जाएगी और उन्हें 10% क्रेडिट स्कोर भी मिलेगा। यह कदम छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी बनाने के लिए उठाया गया है।
ड्यूल एडमिशन और एग्जिट स्कीम
नए नियमों में छात्र साल में दो बार प्रवेश ले सकेंगे और कोर्स के बीच में एग्जिट की सुविधा भी रहेगी। इससे वे समय की बचत कर सकेंगे और अपनी पढ़ाई को अधिक लचीले तरीके से जारी रख पाएंगे।
सेशन के दौरान नहीं होंगे नए बदलाव
UGC ने स्पष्ट किया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच में कोई भी नया नियम लागू नहीं किया जाएगा। सभी नियम सत्र शुरू होने से पहले ही छात्रों को बताए जाएंगे। साथ ही अब परीक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में आयोजित की जाएंगी।
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